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अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की महंगाई ने तोड़ा 12 साल का रिकॉर्ड

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की महंगाई ने तोड़ा 12 साल का रिकॉर्ड

महंगाई से केवल भारत की जनता ही परेशान नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व में महंगाई से हाहाकार मचा हुआ है। महंगाई का आलम यह है, कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी 12 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। एक वर्ष में यह 48 प्रतिशत महंगी हो गई है। चीनी की बढ़ती कीमत से संपूर्ण विश्व में लोगों की रसोई का बजट डगमगा गया है। सप्लाई और डिमांड में भारी अंतराल आने की वजह से चीनी की कीमत 12 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। 19 सितंबर को चीनी की कीमत बढ़कर 27.5 डॉलर पर पहुंच गई। ऐसे में कहा जा रहा है, कि इस वर्ष अभी तक चीनी की कीमत में लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। विशेष बात यह है, कि चीनी की बढ़ती कीमत से अमेरिका भी बचा नहीं है। यहां पर आज भी चीनी 27 डॉलर के लगभग कारोबार कर रही है।

संपूर्ण विश्व में महँगाई बढ़ गई है

व्यवसाय विशेषज्ञों का कहना है, कि भारत में चीनी का उत्पादन प्रभावित होने से केवल इंडिया ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ गई है। तकरीबन सभी देशों में चीनी की कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गई है। हालांकि, भारत में केंद्र सरकार ने त्योहारी सीजन को देखते हुए चीनी की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कमर कस ली है। सरकार 13 लाख टन चीनी का कोटा खुले बाजार में जारी कर सकती है।

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निरंतर सरकार चीनी की निगरानी कर रही है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि एग्रीमंडी के को-फाउंडर हेमंत शाह का कहना है कि विगत दो महीने से सरकार निरंतर चीनी की मॉनिटर कर रही है। सरकार समय-समय पर एक्शन भी ले रही है। सरकार का यही प्रयास है, कि दुर्गा पूजा और दिवाली जैसे त्योहार के दौरान बाजार में चीनी की सप्लाई प्रभावित न हो, जिससे कीमतें नियंत्रण में रहें।

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एक वर्ष में चीनी 48 प्रतिशत महंगी हो चुकी है

जानकारी के अनुसार, सूखे एवं कम बारिश की वजह से भारत के साथ- साथ थाईलैंड में भी चीनी के उत्पादन में गिरावट देखने को मिली है। इसके चलते चीनी की कीमतों में इजाफा हो रहा है। वहीं, ब्राजील में चीनी की बेहतरीन पैदावार हुई है। इसके बावजूद भी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत बढ़ती ही जा रही है। विगत एक हफ्ते के अदंर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी 0.22 प्रतिशत महंगी हुई है। साथ ही, बीते 1 महीने में चीनी की कीमत में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, 1 साल में यह 48 प्रतिशत महंगी हो गई है।
इस त्योहारी सीजन में चीनी निर्यात नहीं करेगा भारत, चीनी मिलों पर सरकार की पेनी नजर

इस त्योहारी सीजन में चीनी निर्यात नहीं करेगा भारत, चीनी मिलों पर सरकार की पेनी नजर

भारत इस त्योहारी सीजन में दुनिया को चीनी निर्यात नहीं करेगा। सरकार ने इस सीजन में चीनी निर्यात की मंजूरी देने से साफ इनकार कर दिया है। 

घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने चीनी एक्‍सपर्ट पर प्रतिबंध को जारी रखा है। साथ ही, ऑर्गेनिक शुगर को भी इस प्रतिबंध के दायरे में लाया गया है। 

सरकार ने अक्टूबर में समाप्त होने वाले मौजूदा 2023-24 सीजन में चीनी निर्यात की मंजूरी देने की संभावना से सोमवार को इनकार कर दिया। वर्तमान में चीनी के निर्यात पर अनिश्चित समय तक के लिए प्रतिबंध लगा हुआ है। 

हालांकि, भारतीय चीनी मिल संघ (ISMA) ने सरकार से 2023-24 सीजन में 10 लाख टन चीनी के निर्यात की मंजूरी देने का अनुरोध किया है। उसको सीजन के समापन तक पर्याप्त भंडार होने की उम्मीद है।

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से कहा, फिलहाल, सरकार चीनी निर्यात (Sugar Export) पर विचार नहीं कर रही है। 

हालांकि, उद्योग ने इसका अनुरोध किया है। देश का चीनी उत्पादन चालू 2023-24 सीजन में मार्च तक 3 करोड़ टन को पार कर गया था। 

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इस्मा ने 2023-24 सीजन के लिए शुद्ध चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 3.2 करोड़ टन कर दिया है। सरकार ने चीनी उत्पादन 3.15-3.2 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया है। 

बतादें, कि इसी कड़ी में सरकार चीनी मिलों को इस वर्ष एथेनॉल उत्पादन के लिए बी-हैवी श्रेणी के शीरा के अलावा भंडारण का उपयोग करने की मंजूरी देने पर विचार कर रही है।

चीनी मिल की अधूरी जानकारी पर सरकार काफी सख्ती दिखा रही है। सरकार ने मिलों को चीनी डिस्पैच संबंधित पूरी जानकारी मुहैया कराने को कहा है। 

GST, डिस्पैच डाटा और स्टॉक होल्डिंग में मिसमैच के मामले सामने आए हैं। इस पर सरकार मिलों को चीनी डिस्पैच संबंधित पूरी जानकारी मुहैया कराने को कहा है।